पतंजली शुद्धि चूर्ण के फायदे घटक सेवन विधि Shuddhi Churna Ke Fayde

Saroj Jangir
19 min readOct 20, 2023

इस लेख में हम पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण के घटक, लाभ/फायदे और उपयोग विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे. आइये पहले जान लेते हैं की शुद्धि चूर्ण का परिचय क्या है ? शुद्धि चूर्ण क्या होता है?

दिव्य शुद्धि चूर्ण क्या है ? What is Divya Shuddhi Powder?

शुद्धि चूर्ण या पतंजलि दिव्य शुद्धी चूर्ण (Patanjali Divy Shuddhi Churna) एक आयुर्वेदिक दवा (चूर्ण ) है जो पेट के विकारों के लिए उपयोगी है। यह पाचन से सबंधित विकारों को दूर करता है यथा गैस, अजीर्ण, खट्टी डकार, क्रोनिक कब्ज आदि। यह आँतों की सफाई करने का श्रेष्ठ चूर्ण है। इसमें मिलाई गयी सामग्री आयुर्वेदिक हर्ब है जो कब्ज जनित व्याधियों को दूर करने का असरदार माध्यम हैं।

यदि आप गहराई से देखेंगे तो पायेंगे की लगभग सभी व्याधियों और रोगों में कहीं ना कहीं खराब / कमजोर पाचन जिम्मेदार होता है। यदि आप अपने पाचन को दुरुस्त कर लेते हैं तो समझिये की आपने कई बीमारियाँ तो स्वतः ही ठीक कर ली हैं। ऐसा भी नहीं की आप अपनी जीवन शैली में कोई सुधार नहीं करें और आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से ही अपने पाचन को दुरुस्त कर लें। तो सबसे पहले तो आप यह कीजिये की अपने आहार में फाइबर युक्त आहार को बढाये। दोपहर के समय ज्यादा से ज्यादा ऐसा भोजन करें जो कच्चा हो जैसे की खीरा, काकडी, ऋतू अनुसार फल आदि। गेहूं के आटे का विशेष रूप से ध्यान रखें की वह ज्यादा महीन ना हो और उसमे चोकर अवश्य हो। खाने में ऐसे फल सब्जियों का उपयोग अवश्य करें जिनमे प्राकृतिक रूप से जल की मात्र अधिक हो।

पानी हम वैसे तो सीधा ही पीते हैं लेकिन ऐसे फल और सब्जियां, सलाद जिनमे जल की अधिक मात्र होती है वे सुपाच्य होते हैं और पाचन तंत्र के लिए भी श्रेयकर होते हैं। तैलीय खाद्य उत्पादों का उपयोग सीमित मात्र में करें। भोजन के उपरान्त कुछ टहले और शारीरिक रूप से मेहनत अवश्य करें। जब आप अपने पाचन पर स्वंय काम करेंगे तो अवश्य ही लाभ मिलेगा। स्वस्थ शरीर आपकी जिम्मेदारी है और यदि आप रोगग्रस्त हैं तो इसमें स्वंय का क्या दोष है इसका पता अवश्य लगावें क्योंकि स्वास्थ्य आपकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी हैं।

पतंजली शुद्धि चूर्ण के सेवन से पुराना कब्ज दूर होता है और पाचन तंत्र में सुधार होता है. पेट फूलना, खट्टी डकारें आना आदि खराब पाचन के संकेत होते हैं जिन्हें आप पतंजलि शुद्धि चूर्ण के सेंवन से दुरुस्त कर सकते हैं. क्रोनिक कब्ज को दूर करने के लिए यह एक उत्तम औशधि है. यदि आवश्यक हो तो वैद्य की सलाह से इस चूर्ण का सेवन त्रिफला चूर्ण के साथ किया जा सकता है. पतंजलि शुद्धि चूर्ण में इंदरायण का उपयोग किया जाता है जो विरेचक, कफ और पित्त विनाशक, वात रोगों में उपयोगी, प्लीहा और उदररोगों में बहुत लाभदायी होता है।

  • कब्ज को दूर करने में मदद करता है: शुद्धि चूर्ण में मौजूद त्रिफला पाचन क्रिया को मजबूत करने और कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
  • अपच और पेट फूलना को कम करता है: शुद्धि चूर्ण में मौजूद इन्द्रायण गैस और पेट फूलने को कम करने में मदद करता है।
  • पाचन क्रिया को मजबूत करता है: शुद्धि चूर्ण में मौजूद त्रिफला पाचन क्रिया को मजबूत करने और भोजन को पचाने में मदद करता है।
  • भूख को बढ़ाता है: शुद्धि चूर्ण में मौजूद इन्द्रायण भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
  • शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है: शुद्धि चूर्ण में मौजूद त्रिफला शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

कब्ज दूर करने में पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Shuddhi Churna in relieving constipation

पतंजलि शुद्धि चूर्ण कब्ज दूर करने में बहुत ही लाभकारी है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो त्रिफला, हरड़, बहेड़ा, और आंवला के मिश्रण से बनी होती है। ये सभी जड़ी-बूटियाँ पाचन क्रिया को मजबूत करने और कब्ज को दूर करने में मदद करती हैं। कब्ज एक आम समस्या है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। कब्ज तब होती है जब मल शरीर से धीरे-धीरे या अनियमित रूप से गुजरता है। इससे पेट फूलना, दस्त, और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं। पतंजलि शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जो कब्ज को दूर करने में मददगार हो सकती है। यह चूर्ण बहेड़ा, आंवला, और सोंठ जैसे कई आयुर्वेदिक घटकों से बना होता है। ये घटक पाचन को बढ़ावा देने और कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं।

पतंजलि शुद्धि चूर्ण के कब्ज दूर करने में लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह मल त्याग को नियमित करता है।
  • यह पेट फूलना और दस्त को कम करता है।
  • यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
  • यह कब्ज के कारण होने वाले अन्य पाचन समस्याओं को दूर करता है।

पतंजलि शुद्धि चूर्ण कब्ज के लिए एक प्रभावी उपाय है। यह चूर्ण आयुर्वेदिक घटकों से बना होता है जो पाचन को बढ़ावा देने और कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं।

अपच में दिव्य शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Divya Shuddhi Churna in indigestion

आजकल हमारे खानपान में मैदा, रिफाइंड तेल, और प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक उपयोग होता है। इन खाद्य पदार्थों को पचा पाना पेट के लिए मुश्किल होता है, जिससे अपच की समस्या हो सकती है। पतंजलि शुद्धि चूर्ण में बहेड़ा, आंवला, और सोंठ जैसे कई आयुर्वेदिक घटक होते हैं, जो अपच के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आप कुछ दिनों तक रात में सोते समय शुद्धि चूर्ण का सेवन करके अपच की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अपच एक आम समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। अपच तब होती है जब भोजन को पचाने के लिए आवश्यक एंजाइमों का उत्पादन पर्याप्त नहीं होता है। इससे पेट में दर्द, सूजन, और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं। पतंजलि शुद्धि चूर्ण अपच के लिए एक प्रभावी उपाय है। यह चूर्ण आयुर्वेदिक घटकों से बना होता है जो पाचन को बढ़ावा देने और अपच को दूर करने में मदद करते हैं।

पेट फूलने/आफर में पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Shuddhi Churna in the problem of flatulence

पेट फूलने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कुछ खाद्य पदार्थों को पचाने में परेशानी होना, बहुत अधिक हवा का निगलना, और पाचन तंत्र के साथ समस्याएं होना। यदि आप नियमित रूप से पेट फूलने की समस्या से परेशान हैं, तो पतंजलि शुद्धि चूर्ण एक अच्छा विकल्प हो सकता है। पेट फूलना एक आम समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। पेट फूलना तब होता है जब पेट में गैस जमा हो जाती है। इससे पेट में दर्द, सूजन, और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं। पतंजलि शुद्धि चूर्ण पेट फूलने की समस्या में बहुत ही लाभकारी है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो त्रिफला, हरड़, बहेड़ा, और आंवला के मिश्रण से बनी होती है। ये सभी जड़ी-बूटियाँ पाचन क्रिया को मजबूत करने और पेट फूलने को दूर करने में मदद करती हैं।

भूख बढ़ाने में दिव्य शुद्धि चूर्ण के फायदे/लाभ Advantages/Benefits of Divya Shuddhi Churna in increasing appetite

भूख कम लगना एक आम समस्या है, जिससे कई लोग परेशान होते हैं। भूख कम लगने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तनाव, संक्रमण, या पाचन संबंधी समस्याएं। भूख कम लगने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, जो भूख कम लगने की समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है। यह चूर्ण भूमि आमला, जीरा, और अन्य आयुर्वेदिक घटकों से बना होता है। ये घटक भूख को बढ़ाने में मदद करते हैं।
पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण का सेवन करने से भूख बढ़ती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करने के लिए रूचि जागृत होती है।

पेट की गैस की शिकायत में पतंजलि दिव्य चूर्ण के फायदे

पेट में गैस बनना एक आम समस्या है, जो लगभग हर किसी को कभी न कभी होती है। हालांकि, कुछ लोगों को बहुत अधिक गैस बनती है, जिससे उन्हें पेट में दर्द, सूजन, और अन्य परेशानियां हो सकती हैं। पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, जो पेट में गैस बनने की समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है। यह चूर्ण भूमि आमला, बहेड़ा, जीरा, चंद्रयान, टंकण भस्म, जैसे तत्वों से बना होता है। ये तत्व पेट में गैस को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यदि आपको पेट में गैस बनने की समस्या है, तो आप पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। यह चूर्ण आपको पेट में गैस से राहत दिलाने में मदद करेगा।

खट्टी डकार तथा एसिडिटी में शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Shuddhi Churna in sour belching and acidity

एसिडिटी एक आम समस्या है, जो लगभग हर किसी को कभी न कभी होती है। एसिडिटी तब होती है जब पेट का गैस्ट्रिक ग्लैंड बहुत अधिक मात्रा में एसिड बनाने लगता है। इससे पेट में दर्द, जलन, और अन्य परेशानियां हो सकती हैं।पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, जो एसिडिटी की समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है। यह चूर्ण इन्द्रायण, टंकण भस्म, भूमि आमला, बहेड़ा, हरड आदि आयुर्वेदिक घटकों से बना होता है। ये घटक एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं।

  • एसिडिटी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
  • तला-भुना भोजन: तला-भुना भोजन पाचन तंत्र के लिए हानिकारक होता है, और इससे एसिडिटी हो सकती है।
  • कॉफी और चाय: कॉफी और चाय में कैफीन होता है, जो पाचन तंत्र को उत्तेजित कर सकता है, और इससे एसिडिटी हो सकती है।
  • अधिक मात्रा में भोजन: एक बार में अधिक मात्रा में भोजन खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है, और इससे एसिडिटी हो सकती है।
  • फाइबर की कमी: फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, और इसके अभाव में एसिडिटी हो सकती है।

पाचन संबंधित विकारों में पतंजलि शुद्धि चूर्ण के फायदे Benefits of Patanjali Shuddhi Churna in digestive disorders

पाचन संबंधित समस्याएं एक आम समस्या बन गई है। लगभग हर 10 में से 6 व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की पाचन समस्या होती है। यह समस्याएं अपच, कब्ज, गैस, पेट फूलना, आदि हो सकती हैं।
पाचन संबंधित समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
अनियमित खान-पान: जब हम नियमित रूप से समय पर भोजन नहीं करते हैं, तो इससे पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
अस्वस्थ भोजन का सेवन: जब हम ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जो पचने में मुश्किल होती हैं, तो इससे भी पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
तनाव और चिंता: जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो इससे पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है और पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, जो पाचन संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है।

  1. अपच Apach (Indigestion)
  2. कब्ज Kabj (Constipation)
  3. गैस Gas (Flatulence)
  4. खट्टी डकारें Khatti Dakarein (Acidic Belching)
  5. एसिडिटी Acidity
  6. पेट फूलना Pet Fulna (Abdominal bloating)
  7. बदहजमी Badhazmi (Dyspepsia)
  8. कमजोर पाचन Kamjor Pachan (Weak Digestion)

शुद्धि चूर्ण में आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हर्ब का उपयोग किया जाता है जो क्रोनिक कब्ज को दूर करने में असरदार हैं। आइये इस विषय में जानते हैं की इसमें कौनसी सामग्री का उपयोग हुआ है और उनके गुण धर्म क्या हैं। शुद्धि चूर्ण में हरड़, भरड़, भूमि आवला, जीरा, टंकण भस्म, हींग और इन्द्रायण का उपयोग किया जाता है। पतंजली शुद्धि चूर्ण में इन्द्रायण का उपयोग इसे अधिक कारगर बना देता हैं।
आइये निचे विस्तार से जानते हैं पतंजलि शुद्धि चूर्ण / दिव्य शुद्धि चूर्ण के घटक के बारे में।

आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी के सात प्रकार होते हैं, जिन्हें चेतकी हरड़ , अभ्या हरड़, रोहिणी हरड़, बड़ी हरड़, काली हरड़ तथा पीली हरड़ के रूप में जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार हरड़ में लवण रस को छोड़कर शेष सभी रस होते हैं। हरड को हरीतकी भी के नाम से भी जाना जाता है। हरीतिकी के पेड़ से प्राप्‍त सूखे फल है जिन्‍हें हरड़ कहा जाता है। हरीतकी (Haritaki) का वानस्पतिक या वैज्ञानिक नाम टर्मिनालिया केबुला (Terminalia chebula) है। इसके अन्य नाम हैं हरड, कदुक्‍कई, कराकाकाया, कदुक्‍का पोडी, हर्रा और आयुर्वेद में इसे कायस्था, प्राणदा, अमृता, मेध्या, विजया आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है। पेट से सबंधित व्याधियों जैसे की अपच, पाचन शक्ति का दुर्बल होना, बवासीर होना दस्त आदि में इसका उपयोग असरदायक होता है। हरड विटामिन C का एक अच्छा स्रोत होता है। चरक सहिता में हरड के गुणों के बारे में उल्लेख मिलता है। हरड़ की तासीर गर्म होती है।

हरड़ के गुणों के विषय में आयुर्वेदिक ग्रंथों में विस्तार से जानकारी दी गयी है, उनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं :-
त्रिदोषसारं संवृद्धम् उष्णं तत्तथोष्णवातपहेतुभिः।
विषस्य विष्ठापितं तृणशेषं हरीतकी सुखदं स्वरसं च॥
भावप्रकाशिका

हरीतकी त्रिदोषों को नियंत्रित करती है जो (त्रिदोष) उष्ण और वात को बढ़ाते हैं। इस प्रकार हरीतकी शारीरिक विष को दूर करती है और सुखद और स्वादिष्ट होती है।

बहेड़ा एक ऊँचा पेड़ होता है और इसके फल को भरड कहा जाता है। बहेड़े के पेड़ की छाल को भी औषधीय रूप में उपयोग लिया जाता है। यह पहाड़ों में अत्यधिक रूप से पाए जाते हैं। इस पेड़ के पत्ते बरगद के पेड़ के जैसे होते हैं। इसे हिन्दी में बहेड़ा, संस्कृत में विभीतक के नाम से जाना जाता है। भरड पेट से सम्बंधित रोगों के उपचार के लिए प्रमुखता से उपयोग में लिया जाता है। यह पित्त को स्थिर और नियमित करता है। कब्ज को दूर करने में ये गुणकारी है। यह कफ को भी शांत करता है।
भरड एंटी ओक्सिडेंट से भरपूर होता। अमाशय को शक्तिशाली बनाता है और पित्त से सबंदित दोषों को दूर करता है। क्षय रोग में भी इसका उपयोग किया जाता है। भरड में कई तरह के जैविक योगिक होते हैं जैसे की ग्‍लूकोसाइड, टैनिन, गैलिक एसिड, इथाइल गैलेट आदि जो की बहुत लाभदायी होते हैं।

भरड़ श्लेष्मलं दीपनं रुक्षं कफवातहरं।
पाचनं दुर्लभं द्रव्यं स्निग्धं तिक्तं लघु क्षयापहम्॥

भरड़ श्लेष्म (फ्लेम) को कम करने में मददगार होता है, पाचन को सुधारता है, रुक्षता (अतिसूखापन) को दूर करता है, कफ और वात को नष्ट करता है और तीखे रसों वाली खाद्य पदार्थों को हल्का करता है।

भूमि आंवला (Neotea Keelanelli) को भुई आंवला और भू धात्री भी कहा जाता है। यह एक छोटा सा पौधा होता है जो यहां वहां स्वतः ही उग जाता है। इसके जो फल लगते हैं वे छोटे आंवले के समान लगते हैं इसलिए इन्हे भूमि आंवला कहा जाता है क्योकि ये भूमि के समीप होते हैं। इसका स्वाद चरपरा और कसैला होता है। शरीर से विषाक्त और विजातीय प्रदार्थों को यह शरीर से बाहर निकाल देता है। खांसी और कफ का नाश करता है साथ ही लिवर को भी मजबूत करता है। मुंह से सबंधित विकारों को भूमि आंवले से दूर किया जाता है यथा मुँह का इन्फेक्शन और छाले। यह शरीर की हीलिंग पावर को बढ़ता है और एंटी बैक्ट्रियल होता है। यह आँतों की सफाई करता है जिससे पेट से जनित मुंह के विकारों में आराम मिलता है।

भूमिरावलिः पाचनीया दीपनीया रुचिकृद्विषहरा।
स्वेदज्वरहरा शोणितपित्तहरा जीवनीया बल्या॥
चरक संहिता

इस श्लोक में बताया गया है कि भूमि आंवला पाचन और दीपन के लिए उपयोगी होती है। यह विष हरने वाली होती है, स्वेद और ज्वर को दूर करती है, शोणितपित्त को नष्ट करती है और जीवन दायक गुण होते हैं। यह बलवर्धक और जीवनीय होती है।

जीरा, जिसका हम सब्जी में तड़का देते हैं उसके कई औषधीय गुण भी हैं। जीरा का औषधीय उपयोग भी है। जीरा पाचन तंत्र को सुधरता है। जीरे में पाए जाने वाले कई गुण पाचन तंत्र को सुधारते हैं। जीरे में थायमाल जैसे ऑयल होते हैं जो सेलिवरी ग्लेंड्स को उत्तेजित कर पाचन तंत्र में सहयोग करते हैं। जीरे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व पाचन की क्रिया को मजबूत बनाते हैं। आप जीरे की चाय का सेवन कर सकते हैं और आप जीरे को महीन पीस कर उसमे आंवले और अजवाईन को पीस कर उस में काला नमक मिला कर सेवन करने से अजीर्ण और गैस की समस्या दूर होती है।

टंकण भस्म बोरेक्स (Borax) से तैयार एक आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है। सुहागा या टंकण भस्म का उपयोग वैसे तो कई विकारों को दूर करने में किया जाता है लेकिन इस चूर्ण में इसके वात नाशक गुणों के लिए किया जाता है। यह पुराने से पुराने कब्ज को भी समाप्त करता है। यह लिवर से सबंधित विकारों और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। प्रधान गुणों में यह वात और कफ को शांत करता है। टंकण भस्म पाचक, एंटी इंफ्लामेन्ट्री, संकोचक और मूत्रल होती है।

आमतौर पर हींग (Asafoetida) को गरिष्ठ भोजन के भगार के साथ उपयोग करने का कारण यही है की यह गैस नाशक है और पाचन में सहयोगी होती है। हींग के सेवन के कई लाभ होते हैं क्योंकि हींग में
जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन आदि लाभदायक विटामिन और खनिज होते हैं। घरों में हींग का प्रयोग कब्ज दूर करने, गैस को समाप्त करने के लिए किया जाता रहा है। इसकेअलावा शरीर में दर्द होने और दांतों के दर्द के लिए भी हींग का उपयोग किया जाता है।

“हींगूयुक्तं च सर्पिषा शतधूम्न्या मुम्बया च।
उदरे पाकसंयुक्तं भक्षणं तत्तु संभवेत्॥”
भावप्रकाश निघंटु

हींग, सर्पिषा और शतधूम्नी से युक्त भोजन जो उदर में हो तो पाचन होता है।

इन्द्रायण को क्षेत्रीय भाषा में गड़तुम्बा भी कहा जाता है। इसका फल बेल के लगता है तो तरबूज के ही परिवार से सबंध रखती है। इसके अन्य नाम हैं चित्रफल, इंद्रवारुणी गडूम्बा, पापड़, पिंदा आदि। वैसे तो इन्द्रायण के उपयोग शुगर, बवासीर, त्वचा विकारों को दूर करने, सूजन दूर करने, आँतों के कीड़े मारने, आदि में किया जाता है लेकिन इस चूर्ण में इसका उपयोग कब्ज को दूर करने, लिवर के विकार दूर करने के लिए प्रधानता से किया जाता है। इंदरायण तिरावरेचक, कफ और पित्त विनाशक, वात रोगों में उपयोगी, प्लीहा और उदररोगों में बहुत लाभदायी होता है। इस फल के गूदे को सुखाकर उसका औषधीय उपयोग किया जाता है। बगैर चिकित्सक के इसका उपयोग करना हानिप्रद होता है।

इंद्रायणं स्नेहनं च वातहृत्कृमिहन्तृत्।
पाचनं विशुद्धं चैव कब्जहृद्बलकारकम्।।
भावप्रकाश

इंद्रायण वात और पाचन को बल पूर्वक से दूर करता है तथा पाचन को शुद्ध करता है जिससे कब्ज को दूर होता है।

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पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण कहाँ से ख़रीदे Where to buy Patanjali Shuddhi Churna Hindi

यह चूर्ण आपको पतंजलि स्टोर्स से मिल जायेगा या पतंजलि शुध्दि चूर्ण के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और ऑनलाइन खरीदने के लिए पतंजलि आयुर्वेदा की ऑफिसियल वेबसाइट जिसका लिंक निचे दिया गया है, आप क्रय कर सकते हैं।

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आप पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण को निम्नलिखित स्थानों से खरीद सकते हैं:

  • पतंजलि स्टोर
  • ऑनलाइन स्टोर, जैसे कि Amazon, Flipkart, और Nykaa
  • पतंजलि आयुर्वेद की आधिकारिक वेबसाइट

पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण का उपयोग कब्ज, अपच, पेट फूलना, भूख न लगना आदि समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो सुरक्षित और प्रभावी है।

पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण की कीमत Patanjali Shuddhi Churna Price

पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण की कीमत लगभग ₹100 प्रति 100 ग्राम है। पतंजली शुद्धि चूर्ण / दिव्य शुद्धि चूर्ण के नवीनतम मूल्य के लिए आप पतंजली आयुर्वेद की अधिकृत वेब साईट पर विजिट करें.

पतंजली शुद्धि चूर्ण त्रिफला चूर्ण से भिन्न कैसे Difference Between Patanjali Shuddhi Churna (Divya Shuddhi Churna) and Trifala Churna Hindi

शुद्धि चूर्ण त्रिफला चूर्ण की भांति कब्ज, गैस, आफरा, एसिडिटी आदि विकारों से दूर करता है। शुध्दि चूर्ण को त्रिफला चूर्ण से अलग अलग बनाते हैं टंकण भस्म और इन्द्रायण। ये दोनों ओषधि क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन को दूर करने के लिए काम में ली जाती है। त्रिफला चूर्ण को आप नियमित रूप से ले सकते हैं लेकिन शुद्धि चूर्ण को नियमित नहीं लेना चाहिए और चिकित्सक के परामर्श के उपरांत ही इसका सेवन किया जाना चाहिए। यदि आप गैस की समस्या से ग्रसित हैं तो गैस हर चूर्ण का प्रयोग भी लाभदायक होता है।

पतंजली शुद्धि चूर्ण के सेवन के दुष्परिणाम/नुकसान दिव्य शुद्धि चूर्ण साइड इफेक्ट्स Side Effects of Patanjali Shuddhi Churna

पतंजलि सुद्धि चूर्ण के सेवन से वैसे तो कोई ज्ञात दुष्परिणाम नहीं होते हैं लेकिन फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य से राय अवश्य प्राप्त कर लेंवे. कब्ज को दूर करने के लिए आप मात्र इस चूर्ण पर ही निर्भर नहीं रहें. स्वस्थ जीवन शैली को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. ताजा हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बढाएं और सुबह शाम थोडा बहुत टहले, शारीरिक मेहनत करें. ताम्बे के पात्र में रखने जल का सेवन करे और अपने भोजन में फाइबर वाले खाद्य प्रदार्थों को शामिल करें, अवश्य ही आपको कब्ज से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि यदि पाचन तंत्र स्वस्थ है तो बाकी रोग भी दूर ही रहते हैं. पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, और आयुर्वेदिक दवाओं में आमतौर पर दुष्प्रभाव कम होते हैं। हालांकि, किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है, खासकर गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए।

पतंजलि शुद्धि चूर्ण की सावधानियां Patanjali Divya shuddhi churna Precautions in Hindi

शुद्धि चूर्ण पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक फार्मूलेशन पर आधारित है जिसके कोई ज्ञान दुश्परिणाम नहीं हैं। फिर भी इसके सेवन से पूर्व चिकित्स्क/वैद्य की सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लें। पतंजलि शुद्धि चूर्ण का उपयोग अपने अनुसार ना करें, वैद्य की सलाह के अनुसार ही निर्धारित मात्रा में इसका उपयोग करें। छोटे बच्चे और गर्भवती महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कब्ज विकार सभी का एक समान नहीं होता है इसलिए यदि आप कब्ज से पीड़ित हैं और अन्य किसी भी विकार का इलाज करवा रहें हो तो इसका सेवन करने से पूर्व वैद्य की सलाह आवश्यक है।

शुद्धि चूर्ण को कैसे लेवे Doses of Patanjali Shuddhi Churna Hindi Patanjali Shuddhi Churna Ki Doses Hindi शुद्धि चूर्ण का उपयोग कैसे करे

शुद्धि चूर्ण त्रिफला से तेज होता है। इसे चिकित्सक के परामर्श के उपरांत आधे से एक चम्मच रात को सोने से पहले लिया जाता है। यद्यपि किसी भी आयुर्वेदिक दवा का कोई साइड इफेक्ट्स नहीं ज्ञात है फिर भी इसे स्वंय के हिसाब से सेवन नहीं करें। इसके लिए आप वैद्य से अवश्य ही परामर्श प्राप्त कर लें क्योंकि किसी भी व्यक्ति के रोग के प्रकार और जटिलता, शरीर की आयु और तासीर, देश विशेष की परिस्थियों के मुताबिक़ ओषधि या ओषधियों का योग दिया जाता है। अपने नित्य जीवन में स्वस्थ आदतों को शामिल करें और दवाओं के इस्तेमाल से बचे।

कब्ज के कारण और बचाव Causes of Constipation

पतंजलि शुद्धि चूर्ण कब्ज और क्रोनिक कब्ज के लिए एक उपयोगी ओषधि है, इसके साथ ही हमें कब्ज के कारण और बचाव भी जानना आवश्यक है।
फाइबर युक्त भोजन का अभाव : बेहतर पाचन के लिए हमें फाइबरयुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। आप अपने भोजन में चोकरयुक्त आटे का उपयोग करें। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग अधिकता से करें और सलाद, ताजे फलों का सेवन भी नियमित रूप से करें।

प्यास लगने पर पूरा पानी पिए : चाय कॉफी से हम अक्सर ही अपनी प्यास को बुझा देते हैं। इसलिए हाइड्रेड रहने के लिए हमें उचित मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। प्यास लगने पर पूरा पानी पीना चाहिए। पानी से शरीर हाइड्रेड बना रहता है और कब्ज भी दूर रहती है।

दिनचर्या को दुरुस्त करें : आलसी जीवन शैली आपको अनेकों रोगों की तरफ ले जाती है। इसलिए अपनी दिनचर्या ऐसी बनाये जिससे आप पुरे दिन सक्रीय रहे। सुबह शाम सैर पर निकले और अपने शरीर से कुछ पसीना बहने दे, ये ना केवल कब्ज बल्कि आपको कई अन्य बीमारियों से दूर रखेगा।

तनाव और अवसाद को दूर करें : मानसिक तनाव और अवसाद से भी व्यक्ति को कब्ज विकार होता है जिसे कई शोध में सिद्ध किया जा चूका है। इसलिए खुश रहने की कोशिश करें और स्वंय को सेहतमंद रखें।

योग करें : योगा आपको कब्ज दूर करने के लिए उपयोगी हो सकता है। प्रशिक्षित से आप इस हेतु आसान, प्राणायाम आदि अवश्य ही सीखें।

पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण से सबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न/FAQ’s

Q. शुद्धि चूर्ण क्या है?

A. शुद्धि चूर्ण कब्ज दूर करने की एक आयुर्वेदिक दवा है जो चूर्ण के रूप में है। शुद्धि चूर्ण कब्ज दूर करने की एक आयुर्वेदिक दवा है जो चूर्ण के रूप में है। यह चूर्ण त्रिफला, हरड़, बहेड़ा, और आंवला के मिश्रण से बनाया जाता है। ये सभी जड़ी-बूटियाँ पाचन में सहायक होती हैं और कब्ज को दूर करने में मदद करती हैं। शुद्धि चूर्ण का उपयोग कब्ज, अपच, पेट फूलना, और भूख न लगना आदि समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो सुरक्षित और प्रभावी है। शुद्धि चूर्ण का उपयोग करने के लिए, 2–3 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ दिन में दो बार लें।

Q. Divya Shuddhi Churna के क्या फायदे हैं?

A. दिव्य शुद्धि चूर्ण पुरानी कब्ज, बदहजमी और एसीडिटी, अपच जैसे विकारों में लाभकारी होता है, इसे इन्द्रायण विशेष महत्त्व दिलाती है। दिव्य शुद्धि चूर्ण के निम्नलिखित फायदे हैं:

  • यह कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
  • यह अपच और पेट फूलना को कम करता है।
  • यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है।
  • यह भूख को बढ़ाता है।
  • यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।

दिव्य शुद्धि चूर्ण का उपयोग पुरानी कब्ज, बदहजमी और एसिडिटी, अपच जैसे विकारों में लाभकारी होता है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो सुरक्षित और प्रभावी है। दिव्य शुद्धि चूर्ण का उपयोग करने के लिए, 2–3 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ दिन में दो बार लें। इन्द्रायण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो कब्ज और पाचन समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। यह दिव्य शुद्धि चूर्ण के साथ मिलकर इन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

Q. क्या शुद्धि चूर्ण बच्चों के लिए सुरक्षित है?

A. इस हेतु चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। यह सवाल आपके डॉक्टर से सबसे अच्छा पूछा जा सकता है। शुद्धि चूर्ण बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं, यह उनकी उम्र, स्वास्थ्य, और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। कृपया किसी भी दवा या उपचार को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

Q. क्या शुद्धि चूर्ण के कोई साइड इफेक्ट हैं?

A. इस हेतु चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

Q. क्या शुद्धि चूर्ण महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

A. हाँ, शुद्धि चूर्ण महिलाओं के लिए सुरक्षित है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो त्रिफला, हरड़, बहेड़ा, और आंवला से बनी होती है। ये सभी जड़ी-बूटियाँ पाचन में सहायक होती हैं और कब्ज को दूर करने में मदद करती हैं। शुद्धि चूर्ण का उपयोग कब्ज, अपच, पेट फूलना, और भूख न लगना आदि समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो सुरक्षित और प्रभावी है। सामन्य रूप से उपयोग करने पर यह दवा सुरक्षित है।

प्रश्न: शुद्धि चूर्ण का उपयोग किस तरह से किया जाता है?

उत्तर: हाँ, भोजन के उपरान्त रात को सोने से पहले गर्म पानी से वैद्य द्वारा बताई गई मात्रा के अनुसार।

शुद्धि चूर्ण के कौन-कौन से फायदे होते हैं?

उत्तर: शुद्धि चूर्ण का उपयोग पाचन विकारों, कब्ज, अपच, बदहजमी, गैस और बवासीर जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर के विभिन्न अंगों के लिए एक अच्छा रसायन होता है और शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।

पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण और झंडू नित्यम चूर्ण में कौन सा चूर्ण अच्छा है ?

दोनों ही चूर्ण कब्ज को दूर करते हैं, आप वैद्य की सलाह के उपरान्त इनका सेवन करें एंव स्वंय की सुविधा के अनुसार चयन करें। दोनों ही चूर्ण कब्ज को दूर करते हैं। दोनों ही चूर्ण आयुर्वेदिक हैं और उत्कृष्ट आयुर्वेदिक गुणों से युक्त जड़ी बूटियों/घटक से तैयार किये जाते हैं। पतंजलि शुद्धि चूर्ण को अधिक कारगर इन्द्रायण बनाती है। आप वैद्य की सलाह के उपरान्त दोनों में से कोई भी चूर्ण उपयोग में ले सकते हैं.

प्रश्न : क्या दिव्य शुद्धि चूर्ण को अन्य दवाओं के साथ लिया जा सकता है ?

उत्तर : दिव्य शुद्धि चूर्ण के कोई ज्ञात दुष्परिणाम नहीं होते हैं, लेकिन यदि आप किसी भी बिमारी की कोई दवा ले रहें हैं तो आवश्यक है की आप वैद्य से संपर्क करें। रोगी की उम्र, देशकाल, विकार की जटिलता के अनुसार शुद्धि चूर्ण की मात्रा भिन्न हो सकती है।

क्या पतंजलि दिव्य शुद्धि चूर्ण गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिला के लिए सुरक्षित है?

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान किसी भी दवा का उपयोग स्वंय के मुताबिक़ नहीं करना चाहिए। इस विषय में आप वैद्य से विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

क्या पतंजलि शुद्धि चूर्ण कमजोर पाचन तंत्र में कारगर है?

पतंजलि शुद्धि चूर्ण एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिनके घटक पाचन को दुरुस्त करने, कब्ज, अपच, गैस आदि को दूर करने में सहायक हैं। अतः आप इसका उपयोग कब्ज दूर करने के लिए कर सकते हैं।

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Patanjali Shuddhi Churna, a herbal product in Churna form, is efficacious in ameliorating digestive issues and constipation. The constituents of Patanjali Shuddhi Churna are haritaki, bahera, and amla, and Indrayan (Gadtumba), wherein haritaki, bahera, and amla are three fruits frequently utilized in Ayurvedic medicine to support digestive well-being and alleviate constipation.

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Originally published at https://lyricspandits.blogspot.com on October 20, 2023.

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